💖कृष्ण यदि शब्द है,
💖तो राधा अर्थ है।
💖कृष्ण गीत है,
💖तो राधा संगीत है।
💖कृष्ण बंशी है,
💖तो राधा स्वर है।
💖कृष्ण समुद्र है,
💖तो राधा तरंग है।
💖कृष्ण पुष्प है,
💖तो राधा सुगंध है।
💖राधा से ही कृष्ण है।।
और
💕कृष्ण से ही राधा है।।💕
🙏🌺जय श्री कृष्णा 🌺🙏
💖कृष्ण उठत, कृष्ण चलत, कृष्ण शाम-भोर है।
💖कृष्ण बुद्धि, कृष्ण चित्त, कृष्ण मन विभोर है॥
💖कृष्ण रात्रि, कृष्ण दिवस,कृष्ण स्वप्न-शयन है।
💖कृष्ण काल,कृष्ण कला,कृष्ण मास-अयन है॥
💖कृष्ण शब्द,कृष्ण अर्थ,कृष्ण ही परमार्थ है।
💖कृष्ण कर्म, कृष्ण भाग्य, कृष्ण ही पुरुषार्थ है॥
💖कृष्ण स्नेह, कृष्ण राग, कृष्ण ही अनुराग है।
💖कृष्ण कली, कृष्ण कुसुम, कृष्ण ही पराग है॥
💖कृष्ण भोग, कृष्ण त्याग, कृष्ण तत्व-ज्ञान है।
💖कृष्ण भक्ति, कृष्ण प्रेम, कृष्ण ही विज्ञान है॥
💖कृष्ण स्वर्ग, कृष्ण मोक्ष, कृष्ण परम साध्य है।
💖कृष्ण जीव, कृष्ण ब्रह्म, कृष्ण ही आराध्य है!!
💕🙏जय श्री कृष्णा 🙏💕
श्री कन्हैया जी महाराज
श्रीकन्हैया जी महाराज
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